अंबिकापुर। नशा तस्करों के खिलाफ बिछाए गए जाल में पुलिसवाले धड़ाधड़ फंस रहे हैं। अंबिकापुर के आइजी रतनलाल डांगी के निर्देश पर पिछले 10 दिनों से पुलिसवालों के फोन काल की पड़ताल हो रही है। तस्करों से रिश्ते के कारण अभी तक दो एएसआइ निलंबित हो चुके हैं। एक थाना प्रभारी समेत 12 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर किए जा चुके हैं। साथ ही तस्कर के साथ 29 बार बात करने वाले सिपाही को बर्खास्त कर दिया गया है। पुलिस द्वारा अपराधियों का काल डिटेल निकलवाकर जांच की खबर अक्सर सुनने को मिलती है, लेकिन सरगुजा जिले में पुलिसवालों के मोबाइल कनेक्शन ही निशाने पर आ गए हैं।
गांजा, शराब, नशे में प्रयुक्त दवाओं, इंजेक्शन और ब्राउन शुगर सहित अन्य नशीले पदार्थो की तस्करी में गठजोड़ तोड़ने की कार्रवाई शुरू होते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। आशंका है कि सौ से अधिक पुलिसवाले इसमें फंसेंगे। झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और बिहार से नजदीक होने के कारण अंबिकापुर पिछले कुछ में समय सप्लाई चेन वाला शहर बनकर उभरा हैा अंतरराज्यीय गिरोहों के सदस्य अंबिकापुर होते हुए नशीले पदार्थो का परिवहन करते हैं। ऐसे सामने आया तस्कर और पुलिसकर्मियों का संबंध गांधीनगर थाना क्षेत्र में महिला व पुरष नशीले इंजेक्शन की बड़ी खेप के साथ पकड़े गए तो कोतवाली थाना क्षेत्र में गांजा के साथ मां-बेटे गिरफ्तार हुए। पुलिसकर्मियों के संरक्षण में अवैध कारोबार की शिकायत को प्रमाणित करने के लिए आरोपितों का काल डिटेल खंगाला गया। इसमें कई पुलिसकर्मियों और तस्करों के बीच बातचीत का पता चला।इसके बाद आइजी रतनलाल डांगी और एसपी टीआर कोशिमा के निर्देश पर संबंधित पुलिसकर्मियों का भी काल डिटेल निकलवाया गया। दोनों काल डिटेल की जांच में मादक पदार्थो की बिक्री करने वालों के साथ पुलिसकर्मियों से कई बार बातचीत का पता चला। वर्जन नशीले पदार्थो की तस्करी और बिक्री पर रोक के लिए ठोस कार्रवाई जरूरी है। कानून के रखवालों की तस्करी में भागीदारी होने की बात आने से जनता के बीच पुलिस की छवि धूमिल होती है। मैंने सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया है कि ऐसे पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों की रिपोर्ट भेजें जो नशीले पदार्थों के कारोबार पर शिकंजा कसने में लापरवाही बरत रहे हैं। उन्हें नौकरी से बर्खास्त करने में भी देरी नहीं की जाएगी। सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक, रतनलाल डांगी ने कहा।