दैनिक सृजन नेशनल न्यूज नेटवर्क
ब्यूरो रिर्पोट नई दिल्ली।
अंतराष्ट्रीय मगही चैपाल( वेबिनार )६ में विश्व मगही परिषद, मगही भाषा के सर्वांगीण विकास ला कयल गेल वेबिनार कृत संकल्पित हे।आज देश में कोरोना काल के परिस्थिति बनल हे, ऐसन समय में चैपाल के माध्यम से मगही के विकास ला देश के कोना कोना में डंका बजा के प्रयास करित हथ विद्वंत्त जन लोग जे सराहनिय हे। ई चैपाल में नेवतल वक्तागण हथ ऋमुख्य वक्ता के रूप मे आनन्द वर्द्धन, विशेष आमन्त्रित वक्ता,सच्चिदानंद प्रेमीवेंकटेश शर्मा, विनय विनम्र, हलन।कार्यक्रम के शुरुआत विनय जी के सरस्वती वंदना
ष्तोहरी दुआरिया के हमनी बिखरिया ,कब फेरब मैया अपनी नजरिया सुन्हू मैया शारदा भवानी…ष्
से करके माँ से मगही भाषा के विकास ला आशीर्वाद मांगलन ।आज के विषय में श्रोता लोग से प्रश्न करे के भी निहोरा हल आनन्द वर्द्धन जी मगही के साहित्य आऊ पारंपरिक लोक गीती पर चर्चा कयलन । हमर मगहीभाषा कोइ भीख न मांगल हे एकर सार वेद, पुराण में मीले हे।
महाभारत काल, रामायण काल के इतिहास उठा के देखल जाए। गोपीचंद , राजा भर्तहरी, आऊ लोरिकायन गीत पर भी चर्चा करलन और बोललन ई गीतन के क्षेत्रिय भाषी लोग अपन अपन भाषा में गौलन हे जे की मगही भाषा के पर्याय हे। मागधिय परम्परा के प्रसार मगध में ही न हे बल्कि उड़ीसा, कर्नाटक, बंगाल, नेपाल चारों ओर फैलल हे। मगही के समलोचनात्मकता के साथ- साथ गीतिकाव्य ,कर्म कांडिये गीति, वैवाहिक गीति, त्योहरिक गीति पर काम करे के जरूरत हे। हर क्षेत्र के लोग अपन भाषा में बोले हथ लिख हथ। तो मगही भाषा के अपमान काहे हो रहल हे?
जबकि मगही भाषा के अनुसंगी हीं सब भाषा हे।।
सच्चिदानंद प्रेमी जी मगही भाषा के व्याकरण आऊ साहित्य पर नजर डाललन आऊ काम करे के आग्रह करलन। ओहिं वेंकटेश शर्मा मगही में चलचित्र में काम करके मगही भाषा के मान सम्मान बढ़ावित् हथ।
मगही के शोधार्थी पूनम कुमारी प्रश्न पुछलन कि —-मगही के आठवीं अनुसूची में सामिल करे ला कोइ विभाग के विभागीय दायित्व हे या मगध के सब लोग के ? ई प्रश्न दिल्ली लोकसभा तक पहुंचे के चाही । ।।समस्त मगधवासी से निहोरा हई।।
कार्यक्रम के समापन विश्व मगही परिषद के अध्यक्ष डॉ भरत सिंह, संयोजक ,सचिव प्रोफेसर नागेन्द्र नारायण , संचालक ,प्रदेश अध्यक्ष कमलेश कुमार शर्मा के उपस्थिति में कयल गेल।
ष्मगध के मगहियन से निहोरा कर ही कि मगही बोलहु, मगही लिखहुं, मगही समझहुं
, मगही बोल के मगध के छाती चैड़ा करहूंष्
!!जय मगध जय मगही!!
! जय विश्व मगही परिषद!